देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ ** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ ** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें